असंगठित क्षेत्र के खदान श्रमिकों के लिए बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने की आंदोलन की घोषणा

 


आसनसोल :- पांडवेश्वर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने बुधवार को अपने आवासीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भूमिगत खदानों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई फैसले लिए थे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन में पर्याप्त वृद्धि करना था।

बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पहली मई यानी मजदूर दिवस के दिन पांडेवेश्वर के बांकोला इलाके में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से श्रमिक दिवस मनाया जाएगा और खदान में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के साथ जो नाइंसाफी हो रही है उसके खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। हालांकि अंडाल के बांकोला में श्रमिक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति नहीं मिलने पर जितेंद्र तिवारी ने कड़ी नाराजगी जताई और सवाल खड़े किए कि 1 मई को कार्यक्रम होना है और 30 अप्रैल तक कार्यक्रम के लिए पुलिस से अनुमति नहीं दी गई है।

बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया कि कोल इंडिया या ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) से खदान को उत्खनन का ठेका लेने वाली निजी कंपनियां कोल इंडिया से पूरा पैसा उठा लेती हैं, लेकिन इन कंपनियों के श्रमिकों को उचित वेतन नहीं देती हैं। जिन कंपनियों को कोयला उत्खनन का ठेका मिला है, उनके वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर कोयला मंत्रालय द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भेजे गए पैसे का बंदरबांट करने का आरोप लगाया।


बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने आगे कहा कि जितना पैसा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कोयला मंत्रालय द्वारा दिया जाता है, आज की तारीख में एक अकुशल श्रमिक को भी महीने में कम से कम 32000 रुपये वेतन के तौर पर मिलने चाहिए। लेकिन उन्होंने दावा किया कि उस क्षेत्र की कोयला उत्खनन निजी कंपनियों के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण श्रमिकों को 18000 रुपये से ज्यादा वेतन नहीं मिल रहा है। जबकि उन्हें कम से कम 32000 रुपये वेतन मिलना ही चाहिए। पूर्व मेयर व बिजली नेता जितेंद्र तिवारी ने इस बात पर अपनी आवाज उठाते हुए कहा कि जो भी श्रमिक इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाते हैं तो या तो काम से निकाल दिया जाता है या फिर पुलिस की मदद से उन पर झूठे मामले दर्ज कर दिए जाते हैं। उन्होंने ऐसे कई श्रमिकों का उदाहरण दिया जिनको पूरा वेतन नहीं मिलता लेकिन बेरोजगारी के डर से या पुलिस द्वारा झूठे मामले दिए जाने के डर से श्रमिक कुछ बोल नहीं पाते।


बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने यह भी कहा कि जब वह पांडेवेश्वर के विधायक थे तब उन्होंने क्षेत्र के खदानों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का काफी सहयोग किया था, लेकिन पिछले कुछ सालों से नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती पांडेवेश्वर के विधायक हैं और वहां खदानों में काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की हालत काफी खराब है।

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