रानीगंज : रानीगंज के हेड पोस्ट आफिस में वर्ष 2000 से 2005 के बीच केवीपी और एनएससी को लेकर लगभग 200 करोड़ रुपए अधिक के घोटाले का पर्दाफाश हुआ था और इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी। सीबीआई ने इस मामले को लेकर जांच के दौरान कई मामले सीबीआई अदालत में दर्ज किए। इसी एक मामले में सोमवार को आसनसोल की सीबीआई विशेष अदालत ने एक सजा सुनाया। यह सजा लगभग 18 साल बाद सुनायी गयी। घोटाले के अभियुक्त रानीगंज हेड पोस्ट आफिस के पूर्व असिस्टेंट पोस्ट मास्टर दिग्विजय चटर्जी पर आय से अधिक संपत्ति करने और उसका हिसाब अदालत के सामने दे पाने में विफल रहने पर यह सजा सुनायी गयी। केवज दिग्विजय पर ही नहीं उनकी धर्मपत्नी पर भी मामला दर्ज हुआ था। इसी बीच, उनका निधन भी हो गया। आसनसोल सीबीआई की विशेष अदालत ने 75 वर्षीय दिग्विजय चटर्जी को 3 साल कारावास और 2 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनायी। 2 लाख रुपए जुर्माना की राशि भुगतान नहीं कर पाने पर दिग्विजय को और अतिरिक्त 6 महीने की सजा काटनी पड़ेगी। इस फैसले के खिलाफ 90 दिनो के अंदर दिग्विजय चटर्जी उच्च अदालत में चुनौती दे सकते है। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2006 में सीबीआई ने पीसी एक्ट की धारा 13 (2) (1) (इ) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु की थी। मामले में कुल 69 गवाहों की गवाही पर लोक अभियोजन पक्ष के अभियोजक राकेश कुमार ने अपराध को साबित किया, जिसके आधार पर सजा हुयी।
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