Raniganj News
रानीगंज :- रानीगंज के एक गैर-सरकारी अस्पताल में 7 माह में जन्मी प्रीमैच्योर कन्या शिशु को सांस लेने में कठिनाई के चलते गंभीर स्थिति में आनंदलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. मीना सिंह की देखरेख में इलाज के बाद अब नवजात पूर्णतः स्वस्थ है और शुक्रवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्वस्थ होने के बाद नवजात को लेकर घर जा रहे जितेंद्र यादव और उनकी पत्नी कल्पना देवी काफी भावुक नजर आई और उन्होंने डॉ मीना सिंह का शुक्रिया अदा किया।
चाइल्ड स्पेसलिस्ट डॉ. मीना सिंह ने बताया कि प्रीमैच्योर शिशु यानी समय से पहले जन्मे बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। ऐसे नवजातों में शरीर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे उन्हें सांस लेने में कठिनाई, संक्रमण का खतरा, ब्रेन हैमरेज, कम वजन और थर्मोरेगुलेशन में समस्या जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। यह बच्ची सातवें महीने में पैदा हुई थी और जन्म के बाद उसे गंभीर रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस हो रहा था। हमने तुरंत उसे वेंटिलेटर पर रखा और न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में विशेष निगरानी में रखा। परिजनों के सहयोग और टीम के सतत प्रयास से बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है।
झारखंड के झाझा की निवासी कल्पना देवी ने बताया कि यह उनका दूसरा प्रीमैच्योर बच्चा था। इससे पहले भी एक संतान समय से पहले जन्मी थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस बार हम बहुत डरे हुए थे, लेकिन डॉ. मीना सिंह और उनकी टीम ने हमारी बच्ची को नई जिंदगी दी है। हम उनके प्रयासों के लिए हृदय से आभारी हैं।
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