CPIM से निष्कासित वंश गोपाल चौधरी का विस्फोटक आरोप !



रानीगंज :-  माकपा से निष्कासित होने के बाद पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री वंश गोपाल चौधरी ने पार्टी के भीतर के ही नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रविवार को रानीगंज स्थित अपने घर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वंश गोपाल चौधरी ने कहा कि वह एक सुनियोजित षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि खुद कांच के घर में बैठकर मुझ पर पत्थर फेंके गए हैं। उल्लेखनीय है कि माकपा की एक महिला नेता के साथ अश्लील चैटिंग वायरल होने के बाद पार्टी ने वंश गोपाल चौधरी को निष्कासित कर दिया हैं। इस प्रकरण के बाद पहली बार उन्होंने मीडिया के सामने आकर अपनी प्रतिक्रिया दी। 



Bansa Gopal Chowdhury ने कहा कि मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार चरित्र हनन किया गया। मैंने पार्टी की जांच प्रक्रिया पर भरोसा रखा था। लेकिन मुझे खुद पार्टी से निष्कासन की सूचना नहीं दी गई। मुझे तो मीडिया में खबर देखकर रात के समय इसका पता चला। सवाल उठता है कि फिर पार्टी की अनुशासन व्यवस्था कहां गई ? वंश गोपाल चौधरी ने स्पष्ट आरोप लगाया कि मैं अपने ही पार्टी के कुछ लोगों द्वारा रचे गए षड्यंत्र का शिकार हुआ हूं। पार्टी के कुछ लोग अंदरखाने भाजपा के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। यही लोग मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी ने कहा कि तृणमूल ने सत्ता में रहते हुए भले ही मेरी आलोचना की हो, लेकिन उन्होंने कभी मेरे खिलाफ षड्यंत्र नहीं किया। जितनी साजिशें मेरे खिलाफ रची गईं, वह मेरी अपनी पार्टी माकपा के भीतर से हुईं। जब मैं मंत्री था तब भी कुछ लोग मेरे खिलाफ षड्यंत्र करते थे। जब सांसद था, तब भी मुझे महिला संबंधी झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई थी। वंश गोपाल चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता से कुछ लोग इस जिले में आकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका भाजपा के साथ भी अंदरखाने गठजोड़ है। ये लोग सिंडिकेट और रंगदारी से जुड़े हुए हैं।


पूर्व सांसद ने सवाल उठाया कि, राज्य परिवर्तन के बाद कहा गया था कि मेरे घर में 50 करोड़ रुपये हैं। अब इतने साल बीत जाने के बावजूद कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया। मैं पार्टी अनुशासन का पालन करते हुए अब तक चुप था। लेकिन जो लोग लगातार मेरी छवि खराब कर रहे हैं, वे आज भी पार्टी के पदों पर बने हुए हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही ? जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे, तो वंश गोपाल चौधरी ने जवाब दिया कि मेरा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और तृणमूल कांग्रेस से भी अच्छा संबंध है। फिलहाल मैं समाजसेवा के काम में लगा रहूँगा।

 पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी पर मुर्शिदाबाद की एक महिला नेता को सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश (वर्चुअल यौन उत्पीड़न) भेजने का आरोप लगा था। आरोप मुर्शिदाबाद की एक महिला नेता, जो जियागंज-अजीमगंज नगरपालिका की पूर्व पार्षद भी रह चुकी हैं, ने लगाए थे। इस मुद्दे की कानाफूसी फरवरी में शुरू हुई और दो महीने के भीतर सोशल मीडिया पर फैल गया। महिला नेता ने नवंबर 2024 में माकपा नेतृत्व को लिखित शिकायत दी थी। माकपा की आंतरिक जांच में आरोपों को सही पाए जाने के बाद पार्टी ने वंश गोपाल चौधरी को निष्कासित कर दिया है।

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