India Pakistan Conflict : 7 मई Asansol-Durgapur में भी होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

Civil Defence Mock Drill 

रानीगंज :- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ जंग को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई को देश भर के 259 जिलों में लगभग 54 साल बाद सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित होगी, जिसके लिए आज (मंगलवार) को अहम बैठक हो रही है। 1971 के बाद यह पहली ऐसी ड्रिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 7 दिनों में तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात कर तैयारियों और संभावित एक्शन प्लान पर चर्चा की है. पहलगाम हमले पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. 244 सिविल डिफेंस जिलों के प्रतिनिधियों के साथ गृह सचिव बैठक कर रहे हैं. ये बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है जो गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित की गई है. बैठक में राज्यों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से जुड़ा यह एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय प्रयास है. यह बैठक देश की सुरक्षा और आपदा से निपटने की क्षमताओं को परखने और सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 


सिविल डिफेंस जिला को तीन कैटेगरी में बांटा गया है और जिन 244 सिविल डिफेंस जिलों में पाकिस्तान के साथ संभावित युद्ध को लेकर मॉक ड्रिल होना है, उनमें दुर्गापुर आसनसोल और बर्नपुर भी शामिल है जहां पर मॉक ड्रिल किया जाएगा। दुर्गापुर आसनसोल और बर्नपुर को केटेगरी 2 के सिविल डिफेंस शहरों में शामिल किया गया है। भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के कई राज्यों को 7 मई को सिविल डिफेंस की प्रभावी तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य आम नागरिकों, छात्रों और प्रशासनिक तंत्र को आपातकालीन परिस्थितियों, विशेष रूप से शत्रु देश द्वारा संभावित हमले की स्थिति में सजग और प्रशिक्षित करना है।


गृह मंत्रालय द्वारा सुझाए गए प्रमुख उपाय

1. एयर रेड वॉर्निंग सायरनों का संचालन

   सभी जिलों में एयर रेड सायरनों की टेस्टिंग और संचालन की व्यवस्था की जाएगी ताकि लोगों को हमले की स्थिति में सतर्क किया जा सके।

2. नागरिकों और छात्रों को प्रशिक्षण

   स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) के तहत आत्मरक्षा और सुरक्षित स्थानों पर जाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

3. क्रैश ब्लैक आउट की व्यवस्था

   रात के समय किसी भी हवाई हमले से बचाव के लिए बिजली सप्लाई और रोशनी को तात्कालिक रूप से बंद करने का अभ्यास किया जाएगा।

4. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का छिपाव (कैमोफ्लाज)

   देश के रणनीतिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को जल्द से जल्द छिपाने की प्रक्रिया को भी मॉक ड्रिल में शामिल किया गया है।

5. इवैक्यूएशन प्लान का अपडेट और अभ्यास

   नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना को अपडेट किया जाएगा और उसका वास्तविक अभ्यास भी किया जाएगा।

यह मॉक ड्रिल न केवल नागरिकों को युद्ध या आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार करेगी, बल्कि राज्यों के प्रशासनिक ढांचे को भी परखने का अवसर देगी। गृह मंत्रालय का मानना है कि ऐसे अभ्यास भविष्य में किसी भी आपदा या हमले के दौरान जानमाल की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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