मैथन और पंचेत डैम से छोड़ा 1.20 लाख क्यूसेक पानी, दामोदर नदी का जलस्तर बढ़ा, 3 जिलों के लिए खतरा


आसनसोल :- भले ही बारिश का सिलसिला थम गया है लेकिन खतरा अभी तला नहीं है। डीवीसी ने और 1 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया है जिसके कारण दामोदर समेत अन्य नदियों के जलस्तर में भारी वृद्धि हो गई हैं। साथ ही पूर्व बर्दवान, हुगली व हावड़ा जिले के नदी के तटवर्ती निचले इलाकों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। रविवार सुबह से पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बीच राज्य सचिवालय नवान्न ने डीवीसी के पानी छोड़ने के फैसले पर नाराजगी जतायी हैं। आरोप है कि यह फैसला राज्य सरकार से सलाह किए बिना लिया जा रहा है। 


रविवार की सुबह मैथन जलाशय से 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जलविद्युत परियोजनाओं के लिए प्रतिदिन इतनी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो यह असामान्य नहीं है। लेकिन पंचेत डैम से छोड़े गए पानी की मात्रा सामान्य से अधिक है। रविवार को पंचेत डैम से 1 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस तरह से देखा जाए तो मैथन और पंचेत डैम से छोड़े गए पानी की कुल मात्रा 1 लाख 20 हजार क्यूसेक है। 


मैथन और पंचेत डैम से छोड़ा गया पानी दामोदर नदी पर बने दुर्गापुर बैराज में जमा किया जाता है। पानी का दबाव बढ़ने से अब दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़े जाने की मात्रा बढ़ाई गई है। राज्य सरकार के सिंचाई विभाग के इंजीनियर संजय मजूमदार ने बताया कि रविवार सुबह नौ बजे तक दुर्गापुर बैराज से 92 हजार 675 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि दिन चढ़ने के साथ छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा भी बढ़ सकती है। हालांकि पश्चिम बर्दवान में बारिश थोड़ी कम हो गई है। इससे दामोदर नदी के दुर्गापुर बराज पर दोबारा दबाव बनने की संभावना कम है। अगर बारिश नहीं हुई तो दुर्गापुर बैराज से पानी नहीं छोड़ा जा सकेगा। लेकिन अगर दोबारा बारिश होने लगी तो और पानी छोड़ना पड़ सकता है. जो खतरनाक हो सकता है। 


झारखंड के ऊपर निम्न दबाव स्थित है और इसके प्रभाव से झारखंड में बारिश हो रही है। शनिवार को वहां तेनुघाट जलाशय से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। तेनुघाट डैम ने भी रविवार की सुबह पानी छोड़ा और यह पानी पंचेत डैम तक पहुंचता है। इसीलिए रविवार को पंचेत डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा। 


राज्य सरकार ने डीवीसी से पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर नाराजगी जतायी। राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि डीवीसी उनसे चर्चा किये बिना ही पानी छोड़ने का निर्णय ले रहा है, जो राज्य के लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि, राज्य सरकार ने राज्य के लोगों को अभी नहीं घबराने की सलाह दी है।

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