रानीगंज: प्राचीनतम शहर के रुप में जाना जाता है रानीगंज। व्यापारिक मंडी के रूप में रानीगंज शहर का नाम कोलकाता मंडी के बाद ही आता है। लगभग 150 साल पुराने इस शहर की प्रसिद्धि आसनसोल-दुर्गापुर से हर मापदंड में आगे थी किन्तु अब शहर की हालत बेहद चिंताजनक है। शहर का विकास लगभग रुक सा गया है। शहर की फिक्र किसी को भी नहीं है। सामाजिक, आर्थिक, व्यापारिक, धार्मिक एवं राजनीतिक रुप से संपन्न शहर अब अपनी बदहाल स्थिति पर आंसू बहा रहा है। रानीगंज शहर वासियों का यही सवाल है हम अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाए ? कौन हमारी इस दुर्दशा से हमे निजात दिलाएगा ? क्यों हमारा ऐतिहासिक एवं गर्वान्वित शहर रानीगंज आज असहाय जैसा प्रतीत हो रहा है। रानीगंज चेम्बर आॅफ काॅमर्स, रानीगंज सिटीजंस फोरम और अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं क्यों चुप्पी साधे हुए है। केवलमात्र प्रभावित इलाका कहकर 300 मीटर के भीतर के क्षेत्र में निर्माण कार्य की अनुमति आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण अर्थात एडीडीए नहीं दे रहा है। इसे लेकर निर्माण कार्य रुक सा गया है। क्यों अनुमति नहीं मिल रही है ? इसकी अंदरुनी सच्चाई क्या है ? इस मापदंड के आधार पर 300 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य की अनुमति नहीं मिल रही है। प्रभावित बिंदु से 300 मीटर के दायरे में सरफेस-टू-सरफेस नहीं एयर-टू-एयर के दायरे में अनुमति किस मापदंड से नहीं मिल रहा है, इसका खुलासा होना चाहिए। इसकी विस्तृत जानकारी शहर वासियों को मिलनी चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी देने के लिए रानीगंज चेम्बर आॅफ काॅमर्स को आगे आना चाहिए। आखिरकार रानीगंज चेम्बर आॅफ काॅमर्स को हमेशा इस बात की शाबाशी लेती है और मिलती भी है कि व्यापारिक समस्याओं से उपर उठकर अपनी सेवा शहर वासियों की समस्याओं को भी प्रमुखता के साथ प्रशासन के समक्ष रखता है। समूचे शहर की समस्या तत्परता के साथ पत्रचार करते कभी पीछे नहीं हटते। फिर 300 मीटर वाली समस्या पर रानीगंज चेम्बर आॅफ काॅमर्स चुप्पी क्यो साधे हुए है। आखिरकार हम सरकार के फैसले और उनके प्रस्तावों का विरोध करने की बात नहीं कह रहे है, परन्तु इतना तो हक जरुर है कि किसी भी पाबंदी का मापदंड को संपूर्णता के साथ हमारे समक्ष लाए जाए। सूत्रों का कहना है कि केन्द्र सरकार की इकाई कोयला मंत्रालय से एक पत्र एडीडीए को आया था। जिसके आधार पर केवल रानीगंज ही नहीं आसनसोल-दुर्गापुर क्षेत्र के प्रभावित क्षेत्रों से 300 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य रोक देने को कहा गया था और इसी के तहत अप्रैल 2023 में एक नोटिफिकेशन भी एडीडीए ने जारी कर इसपर पाबंदी लगायी थी। इसके पीछे की सच्चाई क्या है इसकी विस्तृत जानकारी डिपार्टमेंट को छोड़कर शायद किसी के पास नही है। एक लिस्ट वायरल हुआ है। अगर हम बात करे केवल रानीगंज शहर की तो इस प्रभावित लिस्ट में शहर के ग्वाला बस्ती, कुमार बाजार, राजारबांध, अरुण टाॅकीज, वेस्ट पार्ट आॅफ एनएसबी रोड, ईस्ट पार्ट आॅफ रेलवे लाइन, बाबूडांगा, मोहाली पाड़ा को लोकेशन के रुप में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं रानीगंज बोरो क्षेत्र के लगभग 100 से अधिक प्लट नंबरों को 300 मीटर के दायरे में लाए गए है। जहां किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने की अनुमति एडीडीए नहीं दे रहा है।
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