दामोदर नदी में डूबकर एक सप्ताह में 5 युवकों की मौत हो गयी, अंडाल में 3 और रानीगंज में 2

अंडाल:  पश्चिम बर्दवान जिले से गुजरने वाली दामोदर नदी मौत की नदी बन चुकी है। आए दिन दामोदर नदी में मारे जाने की घटना प्रकाश में आती है। पिछले 10 दिनो में 5 युवकों की मौत हो चुकी है। अगर पिछले 3 महीने में नजर डाले तो आसनसोल से लेकर दुर्गापुर तक 10 लोगो की मौत हो चुकी है। आखिर यह मौत के पीछे जिम्मेदार कौन है ? क्योंकि दामोदर नदी में अचानक मौतों का सिलसिला शुरु हो गया ? इस प्रश्न का जबाव न तो प्रशासन के पास है और न ही दामोदर नदी में डूबकर मारे गए परिजनों के पास है। दामोदर नदी में डूबकर मरने वाले स्वंय जिम्मेदार है या फिर दामोदर नदी का बदलता रुप जिम्मेदार है। बड़े पैमाने पर अवैज्ञानिक तरीके से बालू का उत्खनन इन मौतों के लिए कितना जिम्मेदार है, यह भी एक प्रश्न है। शनिवार को दुर्गापुर के धांडाबाद के सुकांत पल्ली के रहने वाले राजेश प्रसाद और सोमनाथ सिंह अपने दोस्तो के साथ अंडाल थानांतर्गत श्रीरामपुर पंचायत के कुटीरभांगा दामोदर घाट पर स्नान कर रहे थे। तभी ये नदी में डूब गए। दोनो की लाशे कई घण्टे बाद बरामद की गयी। इसदिन दामोदर नदी में पांच दोस्त मिलकर स्नान करने पहुंचे थे और दोस्तो के सामने ही अन्य दो दोस्त डूब गए। वैसे तो यह भी बात उठ रहा है कि रिल्स बनाने के दौरान यह घटना घटी है। इसी जगह पर रविवार को अंडाल के रामप्रसादपुर के बाशिंदे 19 वर्षीय मोहम्मद अनसार की मौत नदी में डूबकर हो गयी। यानी एक सप्ताह के दौरान अंडाल ब्लाॅक में 3 और रानीगंज ब्लाॅक में 2 लोगो की मौत हो गयी। गत 8 मई को रानीगंज के मेजिया स्थित दामोदर नदी में डूबकर दामोदा कोलियरी के बाशिंदे विक्रम और विशाल ठाकुर की मौत हो गयी थी। इसदिन चार दोस्त मिलकर मेजिया स्थित दामोदर नदी में स्नान करने पहुंचे थे। दामोदर नदी में डूबकर मरने का सिलसिला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोगो को दामोदर नदी में स्नान करते वक्त सतर्क रहना चाहिए। साथ ही साथ इस बात का भी ज्ञात हो जाना चाहिए कि जहां पर हम स्नान कर रहे उस जगह की स्थिति कैसी है। बालू का परिमाणा क्या है, कहीं घुर्णी पानी के शिकार तो नहीं हो जा रहे है। 


Post a Comment

0 Comments