बिना किसी लिखित आश्वासन के निर्माणाधीन घरो में बुलडोजर चलाए जाने का किया गया विरोध

रानीगंज:  रानीगंज ब्लॉक एवं ईसीएल के सातग्राम एरिया अधीन रोटीबाटी कोलियरी इलाके में आदिवासी, मजदुर, दलित एवं कमजोर वर्ग के लोगो ने एक-एक पैसा इकट्ठा कर घर बनाया था। परन्तु ईसीएल प्रबंधन ने बिना किसी लिखित आदेश के ही इन मजदुर, दलित एवं कमजोर वर्ग के लोगो के घरो को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। इस घटना की सूचना पाकर भूईया समाज के नेता सिंटू भूईया ने मौके पर पहुंचकर अवरोध कर दिया। सिंटू भूईया ने ईसीएल प्रबंधन से जानना चाहा कि किस आदेश पर इन गरीब, दलित, कमजोर आदिवासी लोगो के निर्माणाधीन घरो को तोड़ा गया। बिना किसी लिखित आश्वासन के घरो को तोड़ा जाना अनैतिक है। यहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह बुलडोजर चलाना नहीं चलेगा। सिंटू भूईया के नेतृत्व में आदिवासी दलित वर्ग के लोग धरने पर बैठ गए। घटना की सूचना पाकर मौके पर निमचा पुलिस फांड़ी के प्रभारी बुद्धदेव गायेन के नेतृत्व में विशाल पुलिस बल ने आकर स्थिति को नियंत्रण किया।

मौके पर ईसीएल अधिकारी भी मौजुद थे। ईसीएल अधिकारी ने माना कि बिना किसी लिखित आॅर्डर के नहीं बल्कि ईसीएल के सातग्राम एरिया के मौखिक आदेश पर घरो को तोड़ा गया है। क्योंकि यह घरे ईसीएल की जमीन पर बनी हुयी थी। अब अगर आगे की कार्यवायी होगी तो लिखित अनुमति के साथ होगी। इधर, सिंटू भूईया ने कहा कि ईसीएल प्रबंधन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। जिस तरह से बिना किसी लिखित अनुमति के गरीब मजदुरो का घर तोड़ा गया है, इनको मुआवजा देना पड़ेगा। आने वाले दिनों में भी मुआवजा एवं पुनर्वास की मांग पर हमारी लड़ाई जारी रहेगी। लगभग ढाई घण्टे तक चले धरना प्रदर्शन के बाद ईसीएल के सातग्राम एरिया अंतर्गत रोटीबाटी कोलियरी के पर्सनल मैनेजर ने आश्वासन दिया कि इस बारे में ईसीएल मुख्यालय से लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही आगे कोई कार्यवायी की जाएगी। फिलहाल जो हुआ उसके लिए मैं माफी चाहता हूं।


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