Asansol में TMC पार्षद पर बाहरी राज्यों के श्रमिकों को धमकाने का आरोप, BJP ने किया पलटवार

आसनसोल :- भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न के आरोपों के बीच, आसनसोल में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। आसनसोल के बर्नपुर में सेल आईएसपी के सेफ्टी डिपार्टमेंट कार्यालय में घुसकर TMC पार्षद अशोक रूद्र द्वारा बाहरी राज्यों के श्रमिकों को धमकाने के आरोपों ने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। अशोक रूद्र के इस कृत्य की जहां एक तरफ आलोचना हो रही है, वहीं उन्होंने अपनी बात का बचाव करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्य समिति के नेता और आसनसोल नगर निगम के पार्षद अशोक रुद्र पर बाहरी राज्यों के मजदूरों को धमकाने का आरोप लगा है। पार्षद अशोक रुद्र का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह खुले तौर पर बाहरी मजदूरों को पश्चिम बंगाल में काम नहीं करने देने की धमकी देते नजर आ रहे हैं।

पार्षद अशोक रूद्र ने खुद स्वीकार किया कि वे अपने एक अन्य पार्षद साथी गुरमीत सिंह के साथ सेल आईएसपी के सेफ्टी डिपार्टमेंट गए थे। उन्होंने कहा कि हम यहां पहले से काम कर रहे लोगों के रोजगार को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन अगर सेल आईएसपी में नई भर्तियां होती हैं, तो उसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।" रूद्र ने आरोप लगाया कि योग्य स्थानीय युवा होने के बावजूद, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से लोगों को काम पर रखा जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी पद के लिए स्थानीय स्तर पर योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तभी बाहर से लोगों को नियुक्त किया जाए। रूद्र ने चेतावनी दी कि यदि सेल प्रबंधन ने उनकी बात नहीं मानी तो यह आंदोलन और बड़े पैमाने पर किया जाएगा।

इस मामले पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस सिंगूर में टाटा कंपनी को भगाने जैसी गलती फिर से दोहरा रही है। उन्होंने कहा कि सिंगूर में जो पाप हुआ था, उसका खामियाजा आज तक राज्य की जनता भुगत रही है। हम सेल आईएसपी को एक और सिंगूर नहीं बनने देंगे। विधायक अग्निमित्रा पाल ने यह भी कहा कि अगर स्थानीय योग्य युवाओं की अनदेखी हो रही है तो वह खुद विरोध करेंगी, लेकिन किसी भी कर्मचारी को डराने-धमकाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्थानीय समाजसेवी मदन मोहन चौबे और ओम नारायण सहित हिंदी भाषी समुदाय के कई लोगों ने अशोक रूद्र के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हमारा देश संविधान से चलता है और हर नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में काम करने का अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी घटना दोबारा होती है तो वे अशोक रूद्र के घर का घेराव करेंगे।

यह मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है, जिसमें एक तरफ स्थानीय लोगों के रोजगार की मांग है, तो दूसरी तरफ श्रमिकों के अधिकार और क्षेत्रवाद का मुद्दा है।

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