अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप, कलकत्ता हाईकोर्ट का AMC पर FIR का आदेश

आसनसोल :- कलकत्ता हाईकोर्ट ने आसनसोल नगर निगम के खिलाफ एक गंभीर आरोप के बाद एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। आसनसोल नगर निगम पर आरोप है कि उसने एक अवैध निर्माण को न तोड़ने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शुक्रवार को न्यायमूर्ति गौरांग कांत की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आसनसोल नगर निगम 20 लाख रुपये मांगने की बात कैसे कह सकता है? तुरंत एफआईआर दर्ज करें। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को एक आपातकालीन सुनवाई की तारीख तय की है।

यह मामला एक स्थानीय कंपनी से जुड़ा है, जिसने अपनी फैक्ट्री के विस्तार के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने अदालत को बताया कि निगम ने पहले उनके निर्माण को अवैध घोषित कर दिया था और इसे तोड़ने का नोटिस भी जारी किया था। 5 जुलाई को निर्माण को गिराया जाना था, लेकिन कंपनी का आरोप है कि 20 लाख रुपये देने के बाद निगम ने यह फैसला पलट दिया। इसके बाद, निगम ने कथित तौर पर उनसे और 20 लाख रुपये की मांग की।

कंपनी के वकील ने तर्क दिया कि आसनसोल नगर निगम कह रहा है कि अगर पैसे दिए जाएं तो अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा जाएगा। वे बार-बार पैसे मांग रहे हैं और 'आसनसोल जनरल फंड' के नाम पर वसूली कर रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस तरह के कृत्य पर हैरानी जताते हुए कहा कि आसनसोल नगर निगम अवैध निर्माण को न तोड़ने का फैसला कैसे कर सकता है ? पैसे के बदले ऐसा काम करना एक अपराध है। पुलिस को इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।

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