रानीगंज: बुधवार को हर्षोल्लास के साथ रानीगंज में देव-दीपावली मनायी गयी। इसदिन रानीगंज शहर के मध्य स्थित आस्था और विश्वास का केन्द्र सीताराम जी मंदिर परिसर में हर्षोल्लास के साथ देव-दीपावली मनायी गयी। पल भर के लिए लगा कि काशी विश्वनाथ मंदिर का नजारा सीताराम जी मंदिर परिसर में उतर आया है। देव-दीपावली के दिन मंदिर परिसर को दीयों के रोशनी से बांट दिया गया। चारो तरफ दीए ही दीए चमक रहे है। सीताराम जी मंदिर परिसर का वातावरण मनमोहक बन गया था। श्री श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में देव-दीपावली कार्यक्रम का उद्घाटन उद्योगपति गोपाल अग्रवाल एवं उनकी धर्मपत्नी मीरा देवी अग्रवाल ने द्वीप प्रज्ज्वलित एवं पूजा-अर्चणा कर की। श्री श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में हर पूर्णिमा को लक्ष्मी-नारायण भगवान की पूजा-अर्चणा होती है। हमारे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव-दीपावली देवताओं का उत्सव है। क्योंकि भगवान विष्णु ने इसीदिन राक्षस त्रिपुरासूर का वध किया था। देवतागण त्रिपुरासूर के अत्याचार से परेशान थे। भगवान विष्णु ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कर देवताओं को राहत दी थी। अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए देवताओं ने काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली मनायी। इसी दिन से हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली मनायी जाती। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और शिव भगवान की पूजा का विधान भी इसी दिन बताया गया था। अतः परिवार में सुख-समृद्धि लाने के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली का बेहद महत्व है।
इसदिन श्री श्री सीताराम जी मंदिर परिसर में देव-दीपावली को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। लगभग 10 हजार से अधिक द्वीप प्रज्ज्वलित किया गया। इसदिन महिलाएं बढ़-चढ़कर द्वीप प्रज्ज्वलित करने में लगी थी। श्री श्री सीताराम जी मंदिर के कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने रानीगंज शहर वासियों से अनुरोध किया था कि वे मंदिर परिसर में आए और कम से कम देवताओं के नाम पर एक दीया जरुर जलाएं। श्री श्री सीताराम जी मंदिर कार्यकारिणी समिति के इस अनुरोध पर काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर द्वीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम में शामिल हुए।
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