रानीगंज के सारडा परिवार ने 20 साल से जारी रखी महाप्रसाद की परंपरा, दीपावली मिलन समारोह में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम

रानीगंज :- पिछले दो दशकों से रानीगंज का प्रतिष्ठित सारडा परिवार मां काली की पूजा के अगले दिन 'महाप्रसाद' का आयोजन करता आ रहा है। उद्योगपति राम कुमार सारडा के परिवार द्वारा आयोजित इस महाभोग में पूरे शहर के सैकड़ों लोग शामिल हुए। रानीगंज के एनएसबी रोड स्थित सदानंद चक्रवर्ती लेन में गंगा विलास फार्म हाउस के परिसर में मां काली का मंदिर है। पिछले बीस वर्षों से इस मंदिर में अमावस्या के दिन पूरे विधि-विधान से मां काली की पूजा की जाती है। इसी परंपरा के अनुसार, काली पूजा के एक दिन बाद बुधवार को महाभोग का आयोजन किया गया। इस महाभोग में केवल रानीगंज ही नहीं, बल्कि जामुड़िया, आसनसोल और दुर्गापुर के स्थापित व्यापारिक परिवारों के सदस्य भी शामिल हुए।


बुधवार सुबह से ही महाभोग का आयोजन शुरू हो गया था। इस आयोजन में आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, जामुड़िया के विधायक हरे राम सिंह, एडीडीए के चेयरमैन कवि दत्त और कई अन्य विशिष्ट लोग शामिल हुए। सभी ने माता का प्रसाद ग्रहण किया और एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। इस दीपावली मिलन समारोह में सारदा परिवार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बाँकुड़ा से आए एक आदिवासी दल का नृत्य प्रदर्शन और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरुलिया का प्रसिद्ध छऊ नृत्य आगंतुकों के मनोरंजन और आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा।


सारदा परिवार की पुत्रवधू स्नेहा सारडा ने बताया कि यह हमारी बीस साल पुरानी परंपरा है। काली पूजा के दिन रात भर पूजा चलती है। हमारे सभी परिचित यहां आते हैं और खिचड़ी प्रसाद ग्रहण करते हैं। जब यह परंपरा शुरू हुई थी, तब हम लगभग 200 लोग खिचड़ी ग्रहण करते  थे, लेकिन आज लगभग 1500 से 2000 लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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